रिसर्च लाइफ में आने के बाद बहुत ही उत्साहित होकर अपने जीवन का पहला International Conference में भाग लेने अपने प्रिय मित्र मनोज कुमार गुप्ता जी के साथ SNDT महिला विश्वविद्यालय, मुंबई पहुंचा । इस तीन दिवसीय conference (11-13 फरवरी 2015) में कनाडा, फ़्रांस के साथ-साथ भारत के प्रसिद्ध नारीवादी विद्वान, विदुषियों के बीच खुद को देखकर एक ओर जहां hesitate था वहीं दूसरी ओर मन ही मन खुशियों का ठिकाना नहीं था कि आज मैं इनके बीच मौजूद हूँ जो नारीवादी जगत की महान हस्तियाँ हैं । वीणा पुनाचा, इलीना सेन, इंदु अग्निहोत्री, आदि आदि । इसी दौरान parelal session के दौरान हमने भी अपना शोध पत्र : "आरंभिक मध्यकालीन भारतीय इतिहास लेखन में दलित स्त्री इतिहास लेखन : समभावनाएँ एवं चुनौतियाँ" विषय पर पढ़ा ।