Friday, 11 August 2023

15 अगस्त के लिए भाषण

आदरणीय ...

आज 15 अगस्त 2023 को हम अपने देश के आजादी की 77वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। ज्ञात हो कि आज से 77 वर्ष पूर्व आज के दिन यानी 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश प्रभुत्व से आजाद हुआ। आज ही के दिन विश्व के मानचित्र पर हमारे देश का उदय एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में हुआ। इससे पूर्व हमारे देश पर यूरोपीय देश इंग्लैंड का शासन था। इंग्लैंड के निवासी जिन्हें अंग्रेज का आ जाता था, हमारे देश में व्यापारी के रूप में दाखिल हुए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी के कर्मचारी के रूप में व्यापार करते हुए यहां के स्थानीय छोटे-छोटे राज्यों से अधिक से अधिक सुविधाएं पाने के लिए उनके संपर्क में रहते हुए, उनके आपसी फूट के कारण यहां के राजनीतिक क्षेत्र में भी हस्तक्षेप करने लगे और 1757 से 1857 तक एक शक्ति के रूप में संपूर्ण भारत पर अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित कर लिया। 1857 से लेकर 1947 तक हमारे देश के समस्त संसाधनों का अंग्रेजों ने दोहन किया। यहां के संसाधनों को लूट कर केवल अपने देश का विकास किया। लूटने के साथ-साथ हमारे देश के लोगों के साथ गुलामों की तरह व्यवहार करते थे। हमारे देश के लोगों ने उनकी इस लूट एवं अपमानजनक व्यवहार का विरोध किया। और उन्होंने यह महसूस किया कि जब तक इस देश पर हमारा शासन स्थापित नहीं हो जाता तब तक इस लूट एवं अपमान से आजादी नहीं मिल सकती। खुदीराम बोस, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, विपिन चंद्र पाल, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सुखदेव-भगत सिंह- राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि देशभक्त क्रांतिकारियों के सम्मिलित प्रयास से 15 अगस्त 1947 को इस लूट एवं अपमानजनक व्यवहार से देशवासियों को आजादी मिली। ब्रिटिश शासन के स्थान पर हमारे देश के लोगों अर्थात भारतीयों द्वारा शासन की शुरुआत हुई। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया।

          ब्रिटिश शासन से भारतीयों को जो सत्ता मिली वह कोई क्षणिक क्रांति का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसके लिए हमारे देश के क्रांतिकारियों, शहीदों, राजनेताओं ने 50 वर्षों तक अथक प्रयास किया। अंग्रेजी शासन के विरोध में कई आंदोलन किए, जेल गए, काला पानी की सजा भोगी, हंसते हुए फांसी के फंदे पर झूल गए, आंदोलन करते हुए अपनी जान का बलिदान दिया, अंग्रेजों से लड़ने के लिए सेना का गठन किया। इनके योगदान कभी भुलाए नहीं जा सकते। इनके योगदान के लिए ही कवि प्रदीप ने यह गीत लिखी है ... ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी। आज 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आइए हम भी 2 मिनट का मौन रखकर उन क्रांतिकारियों, शहीदों के योगदान को सम्मान दें...