दिल्ली की एक चलती बस में निर्भया (काल्पनिक नाम) बलात्कार कांड के 6 आरोपियों
में से 4 की फांसी की सज़ा को supreme court द्वारा जारी रखने के निर्णय आते ही इन अपराधियों के लिए फांसी की सज़ा
मांगने वालों के साथ-साथ communal politics करने वालों के बीच भी हलचल पैदा हो गयी है । लेकिन दोनों के बीच काफी अंतर
देखा जा सकता है । निर्भया के वास्तविक समर्थक जहां चारों अपराधियों के नाम ले ले
कर गालियों की बारिश करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे । वहीं Communal Politics
के ठेकेदार केवल पांचवें आरोपी का नाम कोई “मोहम्मद अफ़रोज” उछालकर
इस मुद्दे को मजहबी रंग देने की कोशिश कर रहे हैं । जबकि वास्तविकता यह है कि इस पांचवें
आरोपी का नाम कभी “मोहम्मद अफ़रोज” था ही नहीं । BBC की 20 दिसम्बर 2015 की एक अन्य Report में 6 आरोपियों में 5 के नाम
क्रमशः राम सिंह, मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता के अतिरिक्त एक अन्य
आरोपी का नाम उजागर नहीं किया गया ।[1] Zee News की 22 दिसंबर 2012 की एक रिपोर्ट
के अनुसार दिल्ली की deputy commissioner of police (DCP) छाया शर्मा ने एक press conference में पांचवें आरोपी को नाबालिग
बतलाते हुए उसके वास्तविक नाम की जगह काल्पनिक नाम राजू रखा न कि कोई “मोहम्मद
अफ़रोज” ।[2] आज 4
वर्ष बाद communal politics के खिलाड़ियों ने तो मूर्खता की हद ही
पार कर दी, उस कानूनन नाबालिग
अपराधी का नाम कोई “मोहम्मद अफ़रोज” रखकर । कम से कम इस घटना
को तो छोड़ देते । footnote के links पर
क्लिक कर आप खुद देख सकते हैं कि छाया शर्मा व Zee News उसका क्या नाम “राजू” बता रहा है और नफरत के सौदागर क्या बता रहे हैं ? वैसे तो नियमतः किसी भी नाबालिग आरोपी/अपराधी
या पीड़िता का वास्तविक नाम सार्वजनिक नहीं किया जाता है बल्कि काल्पनिक रखा जाता
है । यह काल्पनिक नाम संभवतः उसके वास्तविक धर्म से संबंधित नाम होता है । जैसे
पीड़िता हिंदू धर्म की थी तो उसका काल्पनिक नाम हिंदू सिद्धान्त से निर्भया रखा गया
। आरोपी भी हिंदू था इसलिए उसका नाम राजू रखा गया । कोई अफ़रोज नहीं ।
इस मुद्दे पर कई दोस्तों से
काफी तीखी नोक-झोक भी हुई । हर तरह से, बहुत सारे लिंक के माध्यम से उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन ये इतने
brilliant minded थे कि मुद्दे पर बात करने की अपेक्षा इधर
उधर भटकते व भटकाते रहे । दरअसल वे गलत होने के बावजूद खुद की हार मानना मंजूर
नहीं था । इस क्रम में गालियां भी खाई लेकिन चुकी मुझे उन्हें नंगा करना था तथा इस
अफवाह को फैलने से रोकना था । क्योंकि अफवाह फैलने के भयावह परिणाम पिछले 5 वर्षों
से देखता आया हूँ । बहुत ही निडरता से उनकी मूर्खतापूर्ण बातों का तर्कपूर्ण उत्तर
देते देते अंततः उनको नंगा कर ही दम लिया । बातचित करते करते ऐसे भी पल आए जिसे
देखकर पौराणिक कहानी याद आ गयी कि “गार्गी चुप हो जाओ वरना तुम्हारा सर तोड़ दूंगा”
।
प्रस्तुत है इस मुद्दे पर दो communal
politics करनेवाले दो बुद्धिजीवियों से बातचीत –
(1) अंशुमन योगी self proclaimed
योगी हैं जो योग गुरु के रूप में समाजसेवा कर रहे हैं ।
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4 comments
Comments
अंशुमन योगी जो रॉड निर्भया
के डाली थी वो अपने पिछवाड़े में लेके देखो ,पता चल जाएगा सूअर बालिग है या नाबालिग ।
Saket Bihari हा हा हा
........ ये जवाब नहीं हुआ........... पता नहीं आप ये गाली use कर अपनी मूर्खता
बार बार क्यों दिखाते हैं ?
Saket Bihari खैर आप स्वतंत्र
हैं .... हर किसी judgement पर सवाल उठाने के
लिए .... लेकिन मेरा बस इतना कहना था कि फर्जी नाम use कर communal politics न करें ....... आप खुद देख सकते हैं आपके पसंदीदा news चैनल zee news उसका क्या नाम
बता रहा है । नियमतः किसी भी नाबालिग अपराधी या पीड़िता का वास्तविक नाम सार्वजनिक
नहीं किया जाता है बल्कि काल्पनिक रखा जाता है । वह काल्पनिक नाम उसके वास्तविक
धर्म से संबंधित नाम होता है .... जैसे पीड़िता हिंदू थी उसका काल्पनिक नाम हिंदू
सिद्धान्त से निर्भया रखा गया । आरोपी भी हिंदू था इसलिए उसका नाम राजू रखा गया ।
कोई अफ़रोज नहीं । http://zeenews.india.com/.../delhi-gang-rape-case-delhi...
अंशुमन योगी कोई साम्प्रदायिक
बात नहीं है, ऐसे सभी लोगों का
नाम ही नहीं पूरे परिवार का नाम और इतिहास सार्वजनिक होना चाहिए..
Saket Bihari बिलकुल इसी बात
पर तो आपको बाकी पाँच सहित इस छठे का वास्तविक काल्पनिक नाम आपको अपने इसी post में edit कर लिख ही देना
चाहिए ....... लेकिन मैं जानता हूँ आपसे ये नहीं हो पाएगा ।
Saket Bihari शायद आपको सभी के
नाम पता नहीं होगा ...... ये रहे सभी नाम ............http://www.bbc.com/news/world-asia-india-23434888

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Suvam Kumar Abvp Hm nahi wo to apko bhi
pata hoga ki kon jayda dorta hai
Suvam Kumar Abvp Bilkul nahi
Suvam Kumar Abvp Tb chale thik hai

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सौरभ बाजपेयी पॉण्डिचेरी central university
के पीएचडी शोधार्थी हैं ।
Saurabh Bajpai
#मोमबत्ती गैंग तो #याद होगा आपको, वही गैंग जो निर्भया काण्ड के समय बहुत #एक्टिव हो गया था और उस समय खुद को
एक सामाजिक कार्यकर्ता साबित करने और अपनी इमेज चमकाने के लिए #केजरीवाल भी अपनी टोली के साथ उसमें #शामिल हो गए थे।
फिर, कुछ ही महीनों बाद #आप_पार्टी की नेता नीना नायक ने
मोहम्मद अफ़रोज़ के #वकीलके तौर पर #केस लड़ा और #उसको बचा ले गई, नीना नायक ने आप पार्टी के टिकट पर#सांसद का चुन...