Wednesday, 11 April 2018

इस ‘रामराज्य’ में बलात्कारियों की मौज है ।


'द वायर' की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा जौनपुर से सांसद रहे चिन्म्यानन्द सरस्वती के ऊपर 7 वर्ष से चल रहे बलात्कार (धारा 376) का केस वापस लेने का निर्णय लिए हैं । आखिर ये न्याय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ क्यों ? यदि आरोपी बेगुनाह है तो आप न्यायपालिका पर दबाव डालकर जल्द-से-जल्द फैसला करवाइए । केस वापस लेकर तो आप यही साबित कर रहे हैं कि चिन्म्यानन्द दोषी हैं और उनके राजनीतिक कैरियर को बचाने के लिए आप अपनी शक्ति का गलत प्रयोग कर रहे हैं ।
            आप अपने राज्य में रामराज्य लाने की बात करते हैं । ये कैसा राम राज्य है कि आपके ही राज्य की एक स्त्री जो अब आपकी प्रजा भी है, ने चिन्म्यानन्द सरस्वती के खिलाफ 30 नवंबर 2011 को बलात्कार और धमकाने का केस दर्ज़ कराया था । आज 7 वर्ष बाद भी वह न्याय की प्रतीक्षा में है, लेकिन चिन्म्यानन्द सरस्वती से आपके मधुर संबंध होने के कारण आप एक जघन्य अपराध के आरोपी के अपराध को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं । ये तो आप अपनी एक पीड़ित प्रजा को न्याय नहीं बल्कि सज़ा दिलाने का काम कर रहे हैं । इस तरह तो आगे चलकर वर्तमान में आपकी पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, जिसपर एक लड़की ने बलात्कार का आरोप लगा है और उसका भाई अतुल सिंह सेंगर जिसपर उस युवती के पिता की हत्या का आरोप है कुछ दिन बाद आप उसका भी केस वापस कर लेंगे ।
            क्यों बदनाम कर रहे हैं रामराज्य के नाम को योगी आदित्यनाथ जी ? आपके ऊपर जो केस चल रहे थे उसे वापस लेकर अपनी जगहँसाई तो पहले ही करवा चुके हैं । अब तो इन हरकतों से बाज आइये ।