Monday, 19 August 2019

प्राचीन काल में हमारे देश में समय गणना कैसे की जाती थी ? (Time Measurement in Ancient India)

वर्तमान समय में मंदिरों में प्रयुक्त की जाने वाली घंटी कभी (मध्यकाल में) समय बताने के लिए प्रयुक्त किया जाता था। आर्यभट्ट लिखित ग्रंथ से पता चलता है कि प्राचीन काल (मौर्य काल) में प्रत्येक घड़ी/पहर की गणना एक जलघड़ी से की जाती थी। (जो वर्तमान के रेत घड़ी की तर्ज़ पर काम करता था।) प्रत्येक पहर की जानकारी उतनी संख्या में ढोल या शंख बजाकर दी जाती थी। मध्यकाल में शंख व ढोल का स्थान घंटे ने ले लिया। फिरोजशाह तुगलक के काल से समय की जानकारी घंटा बजाकर दी जाने लगी। मुगल बादशाह बाबर की आत्मकथा से पता चलता है कि उसके आगमन काल में समय/घड़ी/पहर बताने वाले इस यंत्र को घड़ियाल नाम से संबोधित किया जाता था तथा इसे बजाने के लिए नियुक्त अधिकारी को घड़ियाली नाम से जाना जाता था। 

संदर्भ ग्रंथ


  • Sharma S R (1994) : Indian Astronomical and time measuring instruments : A Catalogue in Preparation, Indian Journal of History of Science 29(4)