ऋग्वेद
में 4 दिशाओं पूरब, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण का वर्णन मिलता है, जबकि इनके बाद रचित पौराणिक ग्रंथों में 10 दिशाओं तथा उनके
स्वामी का उल्लेख मिलता है जो निम्न हैं -
पूरब
– इंद्र
पश्चिम
– वरुण (जल का स्वामी)
उत्तर
– कुबेर (धन का स्वामी)
दक्षिण
– यम
आग्नेय
कोण (दक्षिण-पूर्व) – अग्नि
नैऋत्य
कोण (दक्षिण-पश्चिम) – नीरित
वायव्य
कोण (उत्तर-पश्चिम) – मारुत (वायु/पवन देव)
ईशान
कोण (उत्तर-पूर्व) – ईशा
आकाश
– ब्रह्मा
पाताल
– शेषनाग