Saturday, 20 June 2020

संस्कृत ग्रंथों में वर्णित 10 दिशाएँ (Ten Directions) एवं उसके स्वामी


ऋग्वेद में 4 दिशाओं पूरब, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण का वर्णन मिलता है, जबकि इनके बाद रचित पौराणिक ग्रंथों में 10 दिशाओं तथा उनके स्वामी का उल्लेख मिलता है जो निम्न हैं -
पूरब – इंद्र
पश्चिम – वरुण (जल का स्वामी)
उत्तर – कुबेर (धन का स्वामी)
दक्षिण – यम
आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) – अग्नि
नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) – नीरित
वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) – मारुत (वायु/पवन देव)
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) – ईशा
आकाश – ब्रह्मा
पाताल – शेषनाग