छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मुद्रित थीम पुस्तिका में दिए गए थीम के अनुसार जून माह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने संबंधित आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के साथ बाल विकास के पांच क्षेत्रों को समाहित करते हुए 'मैं' थीम से संबंधित गतिविधियाँ बच्चों को कराने हैं। इस थीम पर कार्य करते हुए यह अपेक्षा है कि इस माह के दौरान बच्चों में कम-से-कम निम्न ज्ञान अवश्य सुनिश्चित कर सकें -
- बच्चे अपना एवं सहपाठियों के नाम, अपने परिवार जनों के नाम एवं उनके साथ रिश्ते बता सकें. वह (बच्चे) एवं उनके सहपाठी कहाँ (किस गांव, पारा या मोहल्ला में) रहते हैं? कौन से आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ते हैं? बता सकें.
- अपने शरीर के बाहरी अंगों के नाम (सिर, बाल, आँख, कान, नाक, दांत, जीभ, ठुड्ढी, गाल, गला, कंधा, हाथ, पैर, घुटना, हथेली, कलाई, उंगली, आदि) एवं कार्य को बता सकें। कौन सा अंग कितनी संख्या में है? बता सकें।
- अपने पसंद की चीज/वस्तु के बारे में बता सकें जैसे - उन्हें क्या खाना पसंद है? उनके पसद का खेल क्या है? उन्हें यह चीज क्यों पसंद है? जब उन्हें उनके पसंद की वस्तु मिलती है तो उन्हें कैसा लगता है? अपनी ख़ुशी कैसे व्यक्त करते हैं?
- उनके साफ़-सफाई से संबंधित क्या-क्या चीजें हैं? साफ़-सफाई की आवश्यकता क्यों है?
उपरोक्त इन चार बिंदुओं पर यदि प्रति सप्ताह सुनियोजित तरीके से कार्य किया जाए तो बच्चों में यह आसानी से सुनिश्चित हो सकता है. इन गतिविधियों के माध्यम से निम्न उद्देश्यों की पूर्ती की दिशा में बढ़ रहे होंगे -
- बच्चों के बोली-भाषा का विकास
- सामाजिक विकास, खुद की पहचान और उस विषय पर बोल पाना
- शरीर के अंगों के बारे में जानना
- इन्द्रियों का विकास
- शारीरिक विकास
- रचनात्मक विकास
कार्य करने से पूर्व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बाल विकास के इन 5 क्षेत्रों का भी अवश्य ध्यान रखें –
- शारीरिक विकास
- बौद्धिक विकास
- भाषा विकास
- सामाजिक विकास
- रचनात्मक विकास
बाल
विकास के 5 क्षेत्रों के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरे वर्ष के 11 थीम से
परिचित होना भी आवश्यक है. साथ ही इस समझ को भी बढ़ाने की जरूरत है कि प्रत्येक
महीने के थीम के अनुसार बाल विकास की 5 क्षेत्रों को समाहित करते हुए किस प्रकार
बच्चों के साथ कार्य किया जा सकता है?
· वर्षभर की 11 थीम
- जून - मैं
- जुलाई - मेरा परिवार और मेरा घर
- अगस्त - मेरा गांव और मेरी आंगनवाड़ी
- सितम्बर - जानवर और पक्षी
- अक्टूबर - फल और सब्जियां
- नवम्बर - जीव-जंतु
- दिसंबर - हवा और पानी
- जनवरी - मौसम और त्यौहार
- फ़रवरी - बाज़ार
- मार्च - यातायात के साधन
- 11. अप्रैल - हमारे सहायक
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निम्न तरीके से 'मैं' थीम
से संबंधित गतिविधियों को सप्ताहवार आयोजित कर सकते हैं.
सप्ताह 1 : बच्चों को अपने नाम, सहपाठियों के नाम, परिवार जनों के नाम, वे कहाँ रहते हैं? से परिचित कराना
गतिविधि
01
मुख्य
क्षेत्र – शारीरिक विकास
उप
क्षेत्र – बौद्धिक, भाषाई एवं सामाजिक विकास
समय
- 30 मिनट
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता सभी बच्चों को गोल घेरे में खड़ा कर गेंद फेंकने और पकड़ने का खेल
खेलेंगे। खेलते हुए सभी बच्चों को अपना नाम बताना है. शुरुआत कार्यकर्ता कुछ इस
प्रकार से करेंगी -
कार्यकर्ता -
मेरा नाम रेखा है, मैं नारायणपुर गांव में रहती हूँ.
इसके
पश्चात कार्यकर्ता किसी दुसरे बच्चे बच्चे की तरफ देखकर गेंद फेंकते हुए उसका नाम
पूछेगी कि 'आपका क्या नाम है?
बच्चा 01 - मेरा
नाम गीतांशी है. मैं नारायणपुर गांव में रहती हूँ.
इसके
पश्चात बच्चा 01, बच्चा 02 की तरफ बॉल फेंकेगा। और उससे पूछेगा -
तुम्हारा/आपका नाम क्या है? यही प्रक्रिया सभी बच्चों के साथ दुहराई जाएगी. कोई बच्चा
जब अपनी बात पूरी कर लेगा तो सभी बच्चे उसके लिए ताली बजाएंगे।
नोट – 01. ध्यान रहे गतिविधि की शुरुआत शुरुआत 5-6 वर्ष
के बच्चों के साथ करना है, ताकि बच्चे की ओर से उचित मौखिक उत्तर आ सके, तभी
3-4 वर्ष के बच्चे भी ऐसा करने की कोशिश कर पाएंगे।
नोट – 02. पहले दिन अपेक्षा ये रहेगी कि सभी बच्चे (विशेष रूप से 3-4 वर्ष उम्र के) एक-दो-तीन शब्दों में बोले लेकिन माह के अंत तक उन्हें पूरे वाक्य में बुलवाने का प्रयास करना है.
गतिविधि
02
मुख्य
क्षेत्र - भाषाई विकास
उप
क्षेत्र – शारीरिक, एवं सामाजिक विकास
समय
- 30 मिनट
आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता सभी बच्चों को उपस्थित सभी बच्चों को दो-दो बच्चों की जोड़ी बनाएंगे।
(जोड़ी बनाते समय इस बात का ध्यान रहे कि दोनों अलग-अलग उम्र
के बच्चे हों)
दो
समानांतर लाइन में बच्चों को खड़ा किया जाएगा।
शुरुआत
कार्यकर्ता कुछ इस प्रकार से करेंगी – (अपने सामने के बच्चे से हाथ मिलाते हुए)
कार्यकर्ता -
मेरा नाम रेखा है, मेरी उम्र 35 वर्ष है.
बच्चा 01, बच्चा 02 से हाथ मिलाते हुए अपना परिचय देगा - मेरा नाम गीतांशी है.
मेरी उम्र 5 वर्ष है.
इसके
प्रत्युत्तर में बच्चा 02 अपना परिचय देगा - मेरा नाम सुमित है, मेरी उम्र 3 वर्ष है.
इसी
तरह सभी बच्चे एक दुसरे से परिचय करते हुए इन दोनों बातों को दुहराएंगे।
नोट – 01. गतिविधि की शुरुआत करने वाले दो-तीन जोड़ी 5-6 वर्ष
के बच्चों की बनाना उपयुक्त होगा, ताकि उनकी ओर से आने वाले उचित मौखिक उत्तर
सुनकर छोटे बच्चे समझ बना सके कि उन्हें करना/कहना क्या है? तभी
3-4 वर्ष के बच्चे भी ऐसा करने की कोशिश कर पाएंगे।
(उपरोक्त 1 घंटे की दोनों गतिविधियों से बच्चे अपना नाम, उम्र, किस गांव एवं पारा में रहते हैं, बता पाएंगे।)
गतिविधि
03 : गीली मिट्टी से अपनी आकृति बनाना और उसे अपना नाम देना
मुख्य
क्षेत्र – सृजनात्मक विकास
उप
क्षेत्र – भाषाई विकास
समय
- 30 मिनट
कार्यकर्ता
पूर्व ही बच्चों की संख्या के हिसाब से गीली मिट्टी की व्यवस्था कर लें. गीली
मिटटी के एक छोटे से टुकड़े को गोल कर आकृति का सर बनाएं। एक त्रिभुज से उसका धड़
एवं दो आयताकार आकृति से उसके पैर बनाएगी। इसके बाद उसके दो हाथ, दो कान, एक मुख, एक नाक उसमें बना देगी।
उसमें हाथ से ही आँख, नाक, कान, हाथ से उकेर दें. आकृति पूरी बन जाने के बाद
कार्यकर्ता उस आकृति को एक नाम देंगे जो केंद्र के किसी एक बच्चे का ही नाम होगा।
कार्यकर्ता एक कागज़ के टुकड़े पर बड़े-बड़े अक्षरों में उस नाम को लिखेंगे। आकृति बन
जाने के बाद शिक्षिका बच्चों से बात करेगी –
कार्यकर्ता -
ये किसका आकृति हमने बनाया है?
बच्चे -
सुमित का
कार्यकर्ता -
सुमित की उम्र कितनी है? और यह कौन से गांव/पारा में रहता है?
बच्चे - 4
वर्ष है, नारायणपुर गांव में रहता है.
कार्यकर्ता यह ध्यान रखेंगी कि सभी बच्चे इस बातचीत में शामिल हों.
गतिविधि
04 : बोर्ड पर किसी बच्चे की चॉक से आकृति बनाना
क्षेत्र
– सृजनात्मक विकास
समय
- 30 मिनट
इस
गतिविधि के दौरान कार्यकर्ता सबसे पहले बच्चों को गोले या अर्द्धगोले में बैठाकर
बोर्ड पर एक बड़ी सी लेकिन आसान सी मानव आकृति बनाएगी। एक गोले से उसका सर एक
त्रिभुज से उसका धड़ एवं दो आयताकार आकृति से उसके पैर बनाएगी। इसके बाद उसके दो
हाथ, दो
कान, एक
मुख, एक
नाक उसमें बना देगी। इस प्रक्रिया को वह काम से काम तीन बार करेगी। इस आकृति को वह
एक नाम भी देगी जो आंगनबाड़ी के एक बच्चे का ही नाम होगा। फिर सभी को रनिंग बोर्ड पर ऐसा ही आकृति बनाने
का प्रयास करने को कहेगी। रनिंग बोर्ड की अनुपलब्धता में वह कागज पर बनाने को भी
दे सकती हैं.
(यह
जरूरी नहीं कि इस तरह की आकृति बच्चे बना ही लें,
यह अपेक्षा बिलकुल भी न करें, जो भी-जैसी भी आकृति वे
बनाएं, उसके
लिए उनकी प्रशंसा करें।)
सप्ताह 2 : अपने शरीर के बाहरी अंगों के नाम (सिर, बाल, आँख, कान, नाक, दांत, जीभ, ठुड्ढी, गाल, गला, कंधा, हाथ, पैर, घुटना, हथेली, कलाई, उंगली, आदि) एवं कार्य, कौन
सा अंग कितनी संख्या में है? बता सकें।
गतिविधि 01 : शरीर के अंगों को पहचानना और उसके उपयोग जानना
मुख्य क्षेत्र – भाषाई विकास
उप क्षेत्र – शारीरिक, बौद्धिक, एवं सामाजिक
विकास
समय - 30 मिनट
एक
बालगीत के माध्यम से बच्चों को शरीर के अंगों को पहचानने और उसके उपयोग बताने की
गतिविधि कराई जाएगी। कार्यकर्ता हाव-भाव के साथ ये बालगीत गाएंगी। बच्चे पीछे-पीछे
उसे दुहरा रहे होंगे. बीच में जो शब्द (शरीर के अंगों के नाम) आ रहे हैं उसे हाथ
से छूकर उसके कार्य को एक्शन से कर रही होंगी।
बालगीत
दो
आँख हमारे, दिन भर देखा करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं -
दो
कान हमारे, दिन भर सुना करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं -
एक
नाक हमारे, दिन भर सूंघा करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं -
एक
मुंह हमारे, दिन भर बोला करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं -
दांत
हमारे,
दिन भर चबाया करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं -
दो
पैर हमारे, दिन भर चला करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं -
दो
हाथ हमारे, दिन भर लिखा करते हैं, - 2
रात
को थक जाते और
सो
जाते हैं –
गतिविधि
02 : कुछ और शरीर के अंगों को पहचानना
क्षेत्र
– शारीरिक,
उप
क्षेत्र – बौद्धिक, एवं सामाजिक विकास
समय
- 30 मिनट
इस गतिविधि के माध्यम
से हम बच्चों को एक सरल English Rhymes के द्वारा कुछ और
अंगों से परिचित करा रहे होंगे. कार्यकर्ता बच्चों को गोल घेरे में खड़े कर इसे करा
रहे होंगे -
Rhymes
Head,
Shoulder, knee, and toes,
Knee
and Toes
Eyes
and ear and mouth and nose
Head,
shoulder knee and toes.
Jump,
Jump, Jump
Everybody
Jump
गतिविधि के बाद
शिक्षिका बच्चों को समझ बना रही होगी कि head, shoulder, knee, toes किस अंग को कहते हैं, इनके क्या कार्य हैं?
गतिविधि
03 :
क्षेत्र
– बौद्धिक विकास
उप
क्षेत्र – भाषाई विकास
समय
- 30 मिनट
कविता के माध्यम से हाथ, पैर, आँख, नाक, कान, एवं उसके परिचय कराने के बाद एक और गतिविधि
कराई जाएगी, जिसके माध्यम से बच्चों को सोचकर, पूर्व ज्ञान का उपयोग करते हुए सोचकर बोलने का मौक़ा दिया जाएगा। कार्यकर्ता
सभी बच्चों को अपने हाथ दिखाएंगी और कहेंगी -
कार्यकर्ता
- ये देखो, ये मेरे दो हाथ हैं,
आपके दोनों हाथ किधर हैं? सभी लोग अपने अपने
हाथ दिखाओ।
(सभी बच्चे अपना हाथ
दिखा दिए हैं यह सुनिश्चित करने के बाद)
कार्यकर्ता
- मैं अपने हाथ से खाना खाती हूँ, आप सब अपने हाथ से क्या करते हैं?
सभी बच्चों को सोचकर
अधिक से अधिक बोलने का मौक़ा देना है.
हाथ के बाद इसी गतिविधि को पैर, आँख, नाक आदि से जोड़ते हुए करना है. इस गतिविधि को पूरे सप्ताह क्रम बदलते हुए कराना है.
गतिविधि
04 : मुक्त वार्तालाप
क्षेत्र
–भाषाई एवं सामाजिक विकास
उप
क्षेत्र – बौद्धिक विकास
समय
- 30 मिनट
इस गतिविधि के दौरान बच्चे आपस में जोड़ी बनाकर मुक्त रूप से वार्तालाप (बातचीत) कर रहे होंगे। हालाँकि इसे थोड़ा बहुत निर्देशित कार्यकर्ता कर रही होंगी। वह बच्चों को निर्देशित करेंगी कि आपको एक दूसरे के शरीर के अंग के बारे में बातचीत करना है, जैसे - आपके आँख कहाँ हैं? आपके आँख कितने हैं? आँख से आप क्या-क्या करते हैं? सभी बच्चों को इस गतिविधि में शामिल करने का प्रयास करना है. इसकी निरंतरता में सभी अंगों के उपयोग, उनकी संख्या गिनने पर बच्चे आपस में free conversation करने के मौके दिए जा रहे होंगे।
गतिविधि
05 : कागज़/रनिंग बोर्ड/फर्श पर अपने हाथ/पैर की उंगलियों के निशान बनाना।
क्षेत्र
– सृजनात्मक विकास
समय
- 30 मिनट
इस गतिविधि को
कार्यकर्ता पहले खुद करके दिखाएंगी। रनिंग बोर्ड/कागज़ या फर्श पर बाएं हाथ की
उँगलियों को फैलाकर, या दोनों पैर की उंगलियों को फैलाकर दाहिने हाथ से चॉक या
पेंसिल से उसका आउटलाइन बनाएंगी। फिर दो-दो बच्चों की जोड़ी बनाकर एक दूसरे के मदद
से ऐसा बनाने को कहेंगी। इसके पश्चात उसके
बगल में वह उनके नाम लिखेंगी - जैसे हाथ का चित्र बनाया है तो लिखना है - हाथ.
सप्ताह 3 : अपने पसंद की चीज/वस्तु के बारे
में बता सकें जैसे - उन्हें क्या खाना पसंद है? उनके
पसद का खेल क्या है? उन्हें यह चीज क्यों पसंद है? जब उन्हें उनके पसंद की वस्तु मिलती है तो उन्हें कैसा लगता है? अपनी ख़ुशी कैसे व्यक्त करते हैं?
गतिविधि
01 : प्रिय
दोस्त पर चर्चा
क्षेत्र
–भाषाई विकास
उप
क्षेत्र – सामाजिक विकास
समय
- 30 मिनट
इस
गतिविधि में कार्यकर्ता किसी एक बच्चे (5 - 6 वर्ष) को बुलाकर उसके प्रिय दोस्त के
बारे में चर्चा का रही होगी। कार्यकर्ता बच्चा 1 से पूछेगी -
कार्यकर्ता
- आपका नाम क्या है?
बच्चा
01 - गीतांशी
कार्यकर्ता
- आपके सबसे प्रिय दोस्त का नाम क्या है?
बच्चा
01 - सुमित
कार्यकर्ता
- आपके प्रिय दोस्त की उम्र कितनी है?
बच्चा
01 - 5 साल (वर्ष)
कार्यकर्ता
- वह कहाँ रहती/रहता है?
बच्चा
01 - नारायणपुर गांव में
कार्यकर्ता
- उसे क्या खाना पसंद है?
बच्चा
01 - मैगी
कार्यकर्ता
- आपको क्या खाना पसंद है?
बच्चा
01 - रोटी
कार्यकर्ता
सभी बच्चों को बुलाकर इसी तरह बच्चों के पसंद से संबंधित सवाल आगे बढ़ाते जा सकती
है. जैसे - पसंद का रंग, फल, सब्जी, खिलौने आदि। बच्चे जितना भी बताएं
उनकी प्रशंसा में ताली जरूर बजाएं एवं बजवाएं.
गतिविधि
02 : कागज़/रनिंग बोर्ड/फर्श पर अपने पसंद के वस्तु का चित्र बनाना।
क्षेत्र
– सृजनात्मक विकास
समय
- 30 मिनट
बच्चों को एक पेज और कुछ क्रेयॉन्स दें और उन्हें अपने पसंद के रंग के क्रेयॉन्स से अपने पसंद की फल, सब्जी, आकर, वस्तु के चित्र बनाने को दें. बच्चों को जैसा आता है वैसा बनाने दें, किसी भी प्रकार का दवाब न डालें। सभी बच्चे जब ये गतिविधि पूर्ण कर लें तो उनके साथ यह चर्चा जरूर करें कि उन्होंने क्या बनाया? यह उनको क्यों पसंद आता है? उन्हें अधिक से बोलने के मौके दें. कक्षा में यदि रनिंग बोर्ड उपलब्ध हों तो बच्चों को चॉक देकर उनपर ही इसे बनवाएं।
सप्ताह 4 : उनके साफ़-सफाई से संबंधित क्या-क्या चीजें हैं? साफ़-सफाई की आवश्यकता क्यों है?
गतिविधि
01 : बालगीत के माध्यम से साफ़ सफाई के महत्व को समझना
क्षेत्र
–भाषाई विकास
उप
क्षेत्र – बौद्धिक एवं सामाजिक विकास
समय
- 30 मिनट
बालगीत
दांतों की तुम करो सफाई
चमके जैसे दूध मलाई
गन्ना, गाजर, मूली खाना
दांतों को मजबूत बनाना
हावभाव के साथ गाने के
बाद कार्यकर्ता बच्चों को बातचीत में शामिल करेंगी।
कार्यकर्ता
- इस गीत में हमारे शरीर के किस अंग को साफ़ करने की बात की जा
रही है?
(किसी भी 5-6 वर्ष के बच्चों का नाम लेकर)
बच्चा
01
-
दांतों की
कार्यकर्ता
- कौन-कौन आज दांत की सफाई करके आए हैं?
(सभी बच्चों से
एक एक कर पूछना है)
कार्यकर्ता
- दांत की सफाई आपलोग कैसे करते हैं?
बच्चे - दातून/ब्रश से
कार्यकर्ता
- कौन-कौन आज शरीर की सफाई (स्नान) करके आए हैं?
(सभी बच्चों से
एक एक कर पूछना है)
कार्यकर्ता
- शरीर की सफाई आपलोग कैसे करते हैं?
बच्चे
- साबुन से
इसी क्रम में बातचीत में स्नान करने के दौरान बच्चे किन-किन सामग्री का उपयोग करते हैं, नाखून की सफाई कैसे करते हैं, आदि बातों को शामिल करेंगी।
गतिविधि
02 : साफ़-सफाई के वस्तुओं की पहचान करना
क्षेत्र
– बौद्धिक विकास
उप
क्षेत्र – भाषाई विकास
समय
- 30 मिनट
सामग्री
- ब्रश, पेस्ट, दातून, साबुन, शैम्पू, कंघी, आदि
आंगनवाड़ी कर्यकर्ता साफ़ सफाई से संबंधित सामग्री जैसे - ब्रश, पेस्ट, दातून, साबुन, शैम्पू, कंघी, आदि बच्चों को दिखाते हुए वह शरीर के किस अंग के साफ़ सफाई से संबंधित है, बातचीत करेगी।
गतिविधि
03 : रोल प्ले
क्षेत्र
–भाषाई विकास
उप
क्षेत्र – बौद्धिक विकास
समय
- 30 मिनट
बच्चे अपने शरीर के किस अंग की सफाई कैसे करते हैं? इसे अभिनय कर दिखाएंगे। जैसे ब्रश/दातून करना, स्नान करना, नाखून काटना, कपडे की सफाई करना। आदि
इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने आंगनबाड़ी केंद्र में इन गतिविधियों को कराते हुए उसके छोटे छोटे वीडियो बना कर उसे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए निर्मित वाट्सएप ग्रुप में साझा भी करें. ताकि और सभी कार्यकर्ता ये इसका लाभ लेते हुए कक्षा में ये सभी गतिविधियाँ बच्चों के साथ कर सके.
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