किसी
भी देश के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या एक मानचित्र की तरह होती है जो देश द्वारा
तैयार शिक्षा नीति को सफल बनाने का मार्ग प्रशस्त करती है। संबंधित देश की
सभ्यता-संस्कृति, भौगोलिक परिवेश को ध्यान में
रखते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या निर्मित की जाती है। हमारे देश भारत में भी
सांस्कृतिक-भौगोलिक-भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की
रूपरेखा निर्मित की गई है। हमारे देश में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या कैसा हो? इसकी रूपरेखा बनाने का पहला प्रयास 1973 ईस्वी में शिक्षा मंत्रालय,
भारत सरकार द्वारा किया गया। 1975 ईस्वी में यह बनकर पूर्णता तैयार
हुआ। 10 वर्षों के लिए इसे देश की सभी शालाओं के लिए लागू किया गया। इसके पश्चात
1988, 2000, एवं 2005 ईस्वी में इसको
विस्तार दिया गया। 1975 में निर्मित राष्ट्रीय पाठ्यचर्या में उच्च प्राथमिक
शालाओं के साथ-साथ सामाजिक अध्ययन विषय के लिए इसमें कुछ नियमावली थे। जैसे-
· कक्षा
6 से 8 उच्च प्राथमिक शाला के अंतर्गत होंगे। हालांकि इसके बावजूद आंध्र प्रदेश
में केवल कक्षा 6 और 7, असम, गोवा,
केरल आदि राज्यों कक्षा 5 से 7, पश्चिम बंगाल
में कक्षा 5 से 8 उच्च प्राथमिक शाला के अंतर्गत आते थे।
· एक
सप्ताह में 48 घंटों का अध्यापन समय होगा।
· 30
से 40 मिनट का एक पीरियड होगा।
· सामाजिक
अध्ययन के लिए 6 पीरियड रखा होगा।
· पूरे
सप्ताह कुल शाला समय का 20% समय सामाजिक अध्ययन शिक्षण को दिया जाएगा।
· 1988 पाठ्यचर्या में इसके समय को 20% से घटाकर 15% कर दिया गया।
सामाजिक विज्ञान, सामाजिक अध्ययन सब एक ही विषय के नाम हैं। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से इस विषय को संबोधित किया जाता है। सामाजिक अध्ययन (8 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश) व सामाजिक विज्ञान (22 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश) के अतिरिक्त त्रिपुरा तथा हरियाणा राज्य में इसे 'इतिहास भूगोल और नागरिक शास्त्र' विषय के नाम से संबोधित किया जाता है।[i]
क्रम
|
नामकरण
|
राज्य/केंद्र
शासित प्रदेश |
राज्य
की संख्या |
1
|
सामाजिक
अध्ययन |
आंध्र
प्रदेश,
उत्तर प्रदेश, सिक्किम, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़ |
6
|
2
|
सामाजिक
विज्ञान |
अंडमान
एवं निकोबार दीप समूह,
दिल्ली, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, कर्नाटक,
केरल, झारखंड, लक्ष्यदीप,
नागालैंड, मणिपुर, पुडुचेरी,
राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र,
मिजोरम, गुजरात, दादर-नगर
हवेली, पंजाब, उत्तराखंड, दमन एवं दीव, मध्य प्रदेश, हिमाचल
प्रदेश |
23
|
3
|
इतिहास,
भूगोल, नागरिकशास्त्र |
त्रिपुरा,
हरियाणा |
2
|
4
|
इतिहास
एवं भूगोल |
पश्चिम
बंगाल, गोवा |
2
|
5
|
इतिहास,
राजनीति शास्त्र एवं भूगोल |
उड़ीसा
|
1
|