Saturday, 6 December 2025

पांच दिवसीय नवीन पाठ्यपुस्तक उन्मुखीकरण कार्यशाला का समापन

 शासकीय माध्यमिक शाला खिलोरा (बेमेतरा) में दिनाँक 2 से 6 दिसंबर 2025 तक पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षकों के लिए नवीन पाठक पुस्तक उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। इस पांचदिवसीय कार्यशाला में बेमेतरा विकासखंड के पूर्व माध्यमिक शालाओं के 200 से अधिक शिक्षकों को वर्ष 2025 में लाए गए विज्ञान (जिज्ञासा), सामाजिक विज्ञान (समाज का अध्ययन), अंग्रेजी (पूर्वी), संस्कृत (दीपकम) विषय के नवीन पाठ्यपुस्तकों का उन्मुखीकरण किया गया। इन विषयों के अतिरिक्त नए जोड़े गए पाठ्यपुस्तक जैसे - खेल एवं योगशिक्षा (खेल यात्रा), कला शिक्षा (कृति 1), व्यावसायिक शिक्षा (कौशल बोध) से भी शिक्षकों को परिचित कराया गया।

शासकीय माध्यमिक शाला, खिलोरा के चार अलग-अलग कमरों में आयोजित इस कार्यशाला में सभी शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मुख्य प्रावधनों से परिचित कराते हुए इसके क्रियान्वयन हेतु बनाए गए दस्तावेज राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF-SE) 2023 से परिचित कराया गया। तत्पश्चात इसमें उल्लेखित सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, अंग्रेजी, संस्कृत आदि विषयों को पढ़ाने के उद्देश्य, पाठचर्या के लक्ष्य, शिक्षण विधि, इस हेतु प्रयुक्त किए जाने वाले शिक्षण सहायक सामग्री, संबंधित सीखने के प्रतिफल, आदि को गतिविधियों के माध्यम से करके बताया गया। शिक्षकों को प्रत्येक विषय का अध्याय वार डेमो कराकर विषय पर गहराई से समझ विकसित करने का प्रयास किया गया।

इन पांच दिनों के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के एक प्रमुख लक्ष्य – ‘बच्चों को 21 वीं सदी के नागरिक के रूप में विकसित करने’ को प्राप्त करने के लिए उपयुक्त गतिविधियों पर समझ विकसित किया गया। इन बिंदुओं पर चर्चा केंद्रित रही -

·       कक्षा में अलग-अलग विषय वस्तु पर छोटे-छोटे प्रोजेक्ट देकर बच्चों को स्वयं से समझ के साथ किसी अवधारणा को सीखने के किस प्रकार मौके दिए जा सकते हैं?

·       सीखने की प्रक्रिया में रोचकता लाने के लिए अलग अलग प्रकार की विधियों जैसे - टीएलएम के प्रयोग, रोल प्ले, वाद-विवाद, बातचीत के मौके देकर उनमें आलोचनात्मक चिंतन इसका कौशल लाया जाए?

·       बच्चों के सीखने में शिक्षकों के साथ-साथ समुदाय के विषय विशेषज्ञ की एक स्रोत व्यक्ति के रूप में किस प्रकार सेवाएं लिया जा सकता है?

·       अलग-अलग अवधारणाओं पर समझ बनाने में कक्षा का प्रिंट समृद्ध माहौल किस प्रकार सहायक है?

·       प्रत्येक पाठ शिक्षण के दौरान किन अलग अलग प्रकार के शिक्षण विधियों का प्रयोग किया जा सकता है?

कार्यशाला के समापन पर पांचवें दिन BEO- Bemetara, BRC – Bemetara एवं DIET, Bemetara के faculty शिक्षकों का उत्साहवर्धन करने हेतु शामिल हुए। सभी शिक्षकों को सक्रिय सहभागिता हेतु सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। चारों विषय के कुल 12 मास्टर ट्रेनर ने सत्र को संचालित किया। इस कार्यशाला में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, बेमेतरा के तीन सदस्य नेहा (विज्ञान) श्रेया (अंग्रेजी) एवं साकेत (सामाजिक विज्ञान) विषय में शामिल हुए।