कई दिनों से लगातार बारिश ने दक्षिण भारतीय राज्य केरल में जल प्रलय की स्थिति
उत्पन्न कर दी। स्वतंत्रता दिवस, अटल
बिहारी बाजपेयी के निधन से पूरे देश के साथ-साथ मेरा ध्यान भी इस जल प्रलय की ओर नहीं
गया। आज दिनांक 19/08/2018 को मीडिया में जिस तरह की तस्वीरें दिखी उसे देखकर मैं विचलित
हो गया। तुरंत विचार आया शारीरिक रूप से न सही, आर्थिक रूप से
उनको मदद तो कर ही सकता हूँ। इसी दौरान एक न्यूज़ मिली की एक स्नातक छात्रा ने मछ्ली बेचकर अपनी पढ़ाई के लिए जमा किए रुपयों में से 1.5 लाख रुपए केरल के बाढ़ राहत कोष में दान दिये। इस घटना से inspire होकर मैंने भी तुरंत अपनी क्षमतानुसार 500 रुपए केरल के मुख्यमंत्री
बाढ़ राहत कोष में paytm के माध्यम से transaction कर दिया।
उनकी मदद कर काफी प्रसन्नता हुई क्योंकि यह मेरे लाइफ का पहला donation था।
इसके 2 दिनों बाद ही विश्वविद्यालय के शोधार्थी मित्रों व 10 संस्थाओं के साथ सहयोग देते हुए वर्धा के पंजाब राव कॉलोनी, गजानन नगर, आर्वी नाका क्षेत्र, बजाज चौक, बस स्टैंड, सब्जी मंडी आदि स्थान पर घर-दुकान जाकर लगभग 82 हज़ार रुपए इकट्ठा कर केरल भेजा।
वर्धा के लोगों के दरियादिली की
जितनी तारीफ की जाय बहुत ही कम होगी। कहने में जरा भी संकोच नहीं कि ऐसा अभियान
यदि हम अपने नॉर्थ इंडिया में चलाते तो इतनी आसानी से इतना अधिक फ़ंड इकट्ठा नहीं
हो पाता। दिल से Salute वर्धा
वासियों।