बिहार के
एक मजदूर ने अपने lust के वशीभूत होकर गुजरात में ठाकोर जाति के एक 14 महीने की बच्ची से बलात्कार किया। कोई शक नहीं कि बहुत ही घटिया व जघन्य
अपराध किया उसने। मुझे कोई हमदर्दी नहीं उस बलात्कार के आरोपी से। बहुत ही कठोर
सजा में हम भी मांग करते हैं, और वैसे भी पोक्सो एक्ट के तहत
उसे फांसी की सज़ा होनी ही है।
लेकिन इस एक मजदूर की गलती की सज़ा करोड़ों कामगारों को देना किसी भी
दृष्टि से जायज नहीं है। उस एक मजदूर के आधार पर आप लाखों, करोड़ों को जज नहीं कर सकते। आपके इस स्टैंड के आधार पर सोचें तो पिछले कुछ
वर्षों से मोदी टाइटल के आधे दर्जन गुजरातियों के भ्रष्टाचार के मामले जिस तरह
सामने आए हैं, उस हिसाब से तो पूरा गुजराती समाज भ्रष्टाचारी
साबित हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि देश के सभी क्षेत्रों से गुजरातियों को भ्रष्टाचारी
का ठप्पा लगा समस्त उद्यमों से निकाल दिया जाए तो आपको या किसी भी गुजराती भाई को
भी ये ज्यादती लगेगी। फिर आप भी मेरी ही दलील देंगे कि कुछेक के आधार पर...
सर्वविदित है कि बलात्कार एक जघन्य अपराध है। लेकिन इसपर केवल
प्रवासी मजदूरों का पेटेंट नहीं है। इन प्रवासि मजदूरों पर उंगली उठाने से पहले
कभी अपने गिरेबां में भी झांक लीजिये। आत्म ग्लानि होने लगेगी। नेशनल क्राइम
रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2015 में गुजरात में दर्ज मामलों में 99.4% पीड़िता के सगे संबंधी ही निकले। यानि आपके अपने ही सगे, संबंधी लोग आपके बहु बेटियों से बलात्कार करते रहे उस समय आपके मुंह से
इनका विरोध करने की एक आवाज़ नहीं निकली। गज़ब ...
यदि बलात्कारी होने की सज़ा किसी को खदेड़ना है तो इनसे पहले आपको अपने
गुजराती बलात्कारी सगे संबंधियों को पहले खदेडिये क्योंकि 2 वर्ष पहले वे इस जघन्य अपराध को अंजाम दे चुके हैं। नहीं तो ये राष्ट्रीय
एकता खंडित करने वाली गृहयुद्ध को बढ़ावा देने वाली पॉलिटिक्स बंद कीजिए। बाला
साहेब ठाकरे, राज ठाकरे बनना बंद कीजिए।
ये मत भूलिए कि आज यदि आपका state इतना विकसित
है तो इसमें आपसे भी ज्यादा इन प्रवासी मजदूरों के खून पसीने का योगदान है। गुजरात
जितना आपका है उतना ही इनका भी। ये अमन पसंद मजदूर हैं, इन्हें
केवल आजीविका कमाने से लेना देना होता है। ओवर ड्यूटी से इन्हें फुरसत कहाँ जो राह
चलते किसी का बलात्कार या छेड़छाड़ को अंजाम दें।
बाकी जिस सत्तारूढ़ सरकार से आपको शह मिल रही है आपकी विरोधी होने के
बाद भी वह केवल आपको अप्रत्यक्ष रूप से इसलिए सपोर्ट कर रही है ताकि मीडिया का
ध्यान राफेल सौदे से इधर आ सके।