Tuesday, 2 April 2019

शनि ग्रह : परिचय


सौर मंडल के ग्रह शनि को हमारे धर्मदेश में 'शनैश्चरकहा जाता है। दरअसल यह हमारी पृथ्वी से 750 गुना बड़ा है तथा हमारी पृथ्वी से 128 करोड़ किलोमीटर दूर है। यह 30 वर्ष में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करता है। पृथ्वी से इतनी दूर होने के कारण यह ग्रह बहुत ही धीमी गति से चलता दिखाई देता है इसलिए प्राचीन काल में लोगों ने इसे 'शनैःचरनाम दिया था। जिसका अर्थ होता है - धीमी गति से चलने वाला। 
'शनिचर' या 'शनि' इसका अपभ्रंश रूप है। पौराणिक कथाओं में इसे सूर्य का पुत्र कहा गया है। यूनानी मान्यताओं के अनुसार यह (सैटर्न) बृहस्पति (जुपिटर) का पिता है। भारतीय ज्योतिष में इसे एक अशुभ ग्रह माना गया है जबकि वास्तविकता यह है कि यह सौर मंडल का सबसे खूबसूरत ग्रह है। चुकी यह अत्यंत मंद गति से 30 वर्षों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है इसलिए पूरे वर्ष भर भी इसकी स्थिति में कोई विशेष परिवर्तन दिखाई नहीं देता। एक राशि में यह लगभग ढाई वर्ष रहता है।