Monday, 30 December 2024

इतिहासकार जीवाश्म की सहायता से पृथ्वी पर किसी के जीवन का इतिहास का पता कैसे लगाते हैं?

जीवाश्म से तात्पर्य है इतिहास के किसी काल खंड में मौजूद रहे किसी भी जीव जंतु के अवशेष। यह अवशेष उनकी हड्डी, अंडे से लेकर उनके मल तक हो सकते हैं। इसका अध्ययन ‘पैलियॉनटोलॉजी’ कहलाता है।

जीवाश्म विज्ञानी इन जीवाश्मों का अवलोकन, अध्ययन कर उनसे संबंधित विभिन्न प्रकार के जानकारियों जैसे उनके शारीरिक संरचना, खाने (शाकाहारी या मांसाहारी), उम्र, वजन, उनके व्यवहार, को संकलित करते हैं। इतिहासकार कई जीवाश्मों के अध्ययन से प्राप्त इन तथ्यों का उपयोग कर, उसकी व्याख्या कर उस करोड़ों साल पूर्व विलुप्त हो चुके जीव-जंतु के इतिहास का पता लगाते हैं। जीवाश्म विज्ञानी वर्तमान में बैक्टीरिया से लेकर डायनासोर जैसे विशाल जीव जंतुओं के जीवाश्मों का पता लगा चुके हैं। इन जीवाश्मों का यदि हम गहराई से अवलोकन करें तो हम पाते हैं कि केवल उन्हीं जीव जंतुओं के जीवाश्म मिलते हैं जिनकी हड्डियाँ या अन्य शारीरिक अंग जैसे खोपड़ी मजबूत थी।