रात के अंधेरे में अलग अलग नामों वाले आकाशीय पिंड जैसे ग्रह, उपग्रह, तारे आदि अक्सर चमकते नजर आते हैं। किसी अन्य ग्रह से यदि हमारी पृथ्वी को भी देखा जाए तो यह भी चमकती नज़र आएगी। आखिर इनके चमकने का कारण क्या है? उत्तर है ये सभी आकाशीय पिंड दो कारणों से चमकते हैं-
1.
उन आकाशीय पिंडों का हाइड्रोजन-हीलियम
जैसे गैसों से निर्मित होना।
2.
किसी तारे से आ रही प्रकाश का
परावर्तन।
पहले कारण को हम सूर्य
का उदाहरण लेते हुए समझ सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य 70% हाइड्रोजन
28% हीलियम और 2% अन्य गैसों से बना हुआ है। सूर्य की सतह पर मौजूद हाइड्रोजन गैस नाभिकीय
संलयन (Nuclear
fusion – किसी भी तत्व के दो ऐटम का आपस में जुड़ जाना) प्रक्रिया से हीलियम गैस बनाती है। इस अभिक्रिया के दौरान आउटकम के रूप
में काफी विशाल मात्रा में उर्जा, प्रकाश निकलता है। इस कारण सूर्य चमकता है, और
हम कह पाते हैं कि सूर्य का अपना प्रकाश स्रोत है।
दूसरे कारण को हम चंद्रमा
का ही उदाहरण लेते हुए समझते हैं। चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
इसे उपग्रह के नाम से इसलिए संबोधित किया जाता है कि यह सूर्य की परिक्रमा न कर, पृथ्वी
की परिक्रमा करती है। चन्द्रमा 4000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 27.3 दिनों में
पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करता है। पृथ्वी की तरह ही यह ठोस चट्टानों से निर्मित
आकाशीय पिंड है। पृथ्वी की तरह ही यह हाइड्रोजन हिलियम आदि गैसों से निर्मित नहीं
है। सूर्य से निकलने वाले प्रकाश इसकी सतह पर पड़कर पृथ्वी पर प्रतिबिंबित होते हैं,
इस कारण यह हमें चमकता हुआ दिखाई पड़ता है। इसका आधा हिस्सा जब सूर्य के सामने रहता
है, तो सूर्य का प्रकाश इस से परावर्तित होकर हमारे पृथ्वी पर पड़ता है, हमारे
आँखों की रेटिना से टकराता है। इससे यह आकाशीय पिंड चमकता हुआ दिखाई पड़ता है।
अध्ययन हेतु प्रयुक्त सामग्री
1. https://www.youtube.com/watch?app=desktop&v=IP7ahJsKGA4&t=283s
2. https://navbharattimes.indiatimes.com/world/science-news/what-is-the-sun-made-of-elements-of-sun-how-sun-is-formed-and-produce-energy-hindi/articleshow/91830430.cms