Sunday 6 August 2017

डॉ. अम्बेडकर के अपमान का सिलसिला कब तक ?


बचपन में नाई द्वारा बाल काटने से मना किए जाने के साथ शुरू हुआ डॉ. भीम राव अम्बेडकर के अपमान का सिलसिला 1956 ई. में बौद्ध धर्म अपनाने के पूर्व तक अनवरत चलता रहा । आज भारतीय स्वतन्त्रता के 70 वर्ष बाद भी यह अनवरत जारी है । कभी आजम खान द्वारा[i], कभी मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के शिक्षकों द्वारा[ii], कभी जैसलमेर के पार्क में लगी उनकी आदम कद प्रतिमा के साथ अभद्रता[iii], प्रहार कर आदि । अधिसंख्य मामले तो समाचार पत्रों में आते भी नहीं । ताज़ा मामला स्वच्छ भारत निर्माण कार्यक्रम की आड़ में भारत सरकार द्वारा जारी किये गए विज्ञापन का है ।[iv] यह विज्ञापन दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लगाया गया है, जिसमें चार्ल्स डार्विन के मानव विकास सिद्धान्त को चित्रात्मक रूप में दिखाते हुए डॉ. अम्बेडकर को विकसित मनुष्य के रूप में एक कचरे के डब्बे में आपके अंदर के बाबा साहब को जागृत करें” इस नारे के साथ कूड़ा फेंकते हुए दिखाया गया है । वास्तव में यह विज्ञापन नहीं बल्कि विज्ञापन की आड़ में डॉ अम्बेडकर को अपमानित करने, उन्हें नीचा दिखाने की सोची समझी साजिश है ।
            केंद्र में सत्ता प्राप्त करने के साथ ही नव निर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्तूबर 2014 को गांधी जयंती के दिन से इस संकल्प के साथ कि “गांधी जी के 150वें जयंती अर्थात 2 अक्तूबर 2019 तक पूरे देश को साफ सुथरा बना देंगे” स्वच्छ भारत निर्माण कार्यक्रम की नींव डाली थी ।[v] थोड़े बहुत विरोध के बीच पूरे देश की जनता ने स्वच्छता जागरूकता लानेवाले इस कार्यक्रम की तारीफ भी की । उनके आलोचक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने भी इसी तर्ज़ पर अपने राज्य में स्वच्छ दिल्ली अभियान कार्यक्रम भी संचालित किया ।  रेलवे में चाय के डिस्पोजल कप से लेकर नव प्रचलित 500, 2000 रुपए के नोट सहित कई उत्पादों पर भारत सरकार के इस कार्यक्रम के प्रचार को देखा जा सकता है । स्वच्छ भारत निर्माण हेतु भारत सरकार का यह कदम प्रशंसनीय है । इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने 2015 में 0.5 प्रतिशत सेस (टैक्स) भी लगाने की घोषणा की थी ।[vi] प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के दौर में कोई भी सरकार किसी कार्यक्रम को सफल बनाने, इसे आम जनमानस में पहुंचाने के लिए बॉलीवुड, खेल, समाज सेवा की दुनिया के मशहूर हस्तियों का ब्रांड एम्बेस्डर के रूप में चुनाव करती है । भारत सरकार ने ऐसा किया भी । अमिताभ बच्चन, सलमान खान, शंकर महादेवन, सचिन तेंदुलकर, अनुष्का शर्मा[vii], कल्पना यादव[viii] प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, काजोल[ix] बाबा राम रहीम आदि इस अभियान से समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर ब्रांड एम्बेस्डर, प्रशंसक के रूप में जुड़े । इस क्रम में फरवरी 2017 में बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को भी स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम का ब्रांड एम्बेस्डर भी नियुक्त किया गया ।[x] ऐसे में नियमानुसार डॉ. अम्बेडकर की जगह शिल्पा शेट्टी को कूड़ा बीनते हुए दिखाया जाना चाहिए था । लेकिन इस विज्ञापन को बनानेवाले अंत्योदय ग्रुप और इसे अभिप्रमाणित करने वाले अधिकारी ने किया कुछ और ही । यदि डॉ. अम्बेडकर को ही स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम का प्रेरणा स्त्रोत बनाना था तो शिल्पा शेट्टी को ब्रांड एम्बेस्डर बनाने, इसपर लाखों-करोड़ों खर्च करने से मंत्रालय या सरकार को क्या लाभ हुआ ?
            भारतीय संविधान निर्माण से लेकर देश में समता मूलक समाज के निर्माण हेतु योगदान देने वाले डॉ अम्बेडकर के प्रति विज्ञापन निर्माताओं की सोच के आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि ऐसे लोग कभी डॉ. अम्बेडकर के समाज सुधार के संबंध में पढ़ना तो दूर इनके उल्लेखनीय कार्यों के बारे में कभी सुना भी नहीं होगा । डॉ. अम्बेडकर के संबंध में पढ़ा होता तो पता चलता कि इस समाजसुधारक ने हाशिये पर स्थित समाज के एक बड़े हिस्से को नगर का कूड़ा, गंदगी बीनना नहीं बल्कि हजारों वर्षों से तथाकथित हिंदू समाज के उस गंदगी को साफ करने की बात सिखाई जो मानव-मानव में भेद-भाव को बढ़ावा दे रहा था । हिंदू सहित भारतीय समाज की जिस गंदगी को मिटाने की बात वे करते थे, उसे समूल नष्ट करने के लिए आज फिलहाल कम से कम दस प्रतिशत लोग जागरूक हो चुके हैं । जिस दिन 25-30 प्रतिशत जनमानस में इस गंदगी को मिटाने की भावना जागृत हो गयी उस दिन से धर्म, जाति व्यवस्था के नाम पर फैली गंदगी के साथ-साथ डॉ. अम्बेडकर को कूड़ा बीननेवालों के रूप में  रूप में प्रदर्शित करनेवालों के दिमाग में मौजूद कचरा, गंदगी भी खत्म हो जाएगी ।
            इस आलेख का तात्पर्य केवल इतना है कि डॉ. अम्बेडकर से ईर्ष्या रखनेवाले समाज के प्रबुद्ध वर्ग से एक अपील है कि आप पर किसी सत्ता, संस्था का कोई दवाब नहीं है भारतीय संविधान निर्माता, समाज सुधारक डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जबरन सम्मान करने, नाम लेने, उनके विचारों को मानने का, लेकिन आपको कोई हक भी नहीं है उन्हें नीचा दिखाने या अपमानित करने का ।





[i] https://www.youtube.com/watch?v=7PNtu3EGlXk
[ii] https://www.youtube.com/watch?v=7FQRAL2LlEo
[iii] http://www.amarujala.com/jaipur/insult-of-statue-of-dr-ambedkar-in-jaisalmer
[iv] http://www.jansatta.com/trending-news/goi-ad-on-delhi-rly-stn-shows-dr-ambedkar-picking-up-trash/393516/
[v] http://www.inkhabar.com/national/7062-reality-check-of-swakch-bharat-abhiyaan
[vi] http://www.inkhabar.com/national/8992-0.5%20per-cent-cess-to-fund-the-Swachh-Bharat-programme
[vii] http://www.dnaindia.com/entertainment/report-anushka-sharma-joins-amitabh-bachchan-chosen-as-brand-ambassador-of-swachh-bharat-abhiyaan-2302410
[viii] http://www.hindustantimes.com/india-news/swachh-bharat-mission-newly-wed-bride-is-brand-ambassador-for-etah/story-RkBVPw5aucjKjP5AfBhGpK.html
[ix] http://www.inkhabar.com/entertainment/6605-Kajol-will-attend-UN-and-Global-Citizen-Festival
[x] http://www.amarujala.com/india-news/shilpa-shetty-as-swachh-bharat-brand-ambassador

(दैनिक समाचारपत्र वुमेन एक्सप्रेस संपादकीय 07-08-2017 में प्रकाशित)