Tuesday 24 April 2018

दलित (Dalit)

जब जब भी उनको लगेगा कि
दलित हमसे दूर हो रहे हैं
मंदिर का चढ़ावा कम हो रहा है ।
तब दान पाने के लिए, उन्हें लुभाने के लिए
कुछ न कुछ ऐसा करेंगे
कि आप दलित ही रह जाएं
और उनकी खोखली वर्ण व्यवस्था भी
बनी रह जाय ।
आपको कंधे पर बिठाकर मंदिर प्रवेश कराकर
2000
वर्ष पुरानी प्रथा
ध्वस्त करने का नाटक करेंगे ।
आपके समुदाय से एकाध
मंदिर के पुजारी या महामंडलेश्वर बनाएंगे ।
लेकिन मौका मिलने पर
एहसास दिलाने का मौका कभी नहीं चूकेंगे
कि आप "दलित" हैं ।
आपके वोटों के लिए
आपके ही घर बैठकर
चमचमाते नए थाली में खाकर
आपके हितैषी होने का दिखावा करेंगे ।
मतलब सध जाते ही
फिर से वही जाति सूचक गालियां ।
अपनी स्थिति से असंतुष्ट होकर
आप धर्मांतरण भी कर के देख लीजिये 
मुसलमान या ईसाई बन गए
तो अपने तंत्र मंत्र से आपको
पुनः हिन्दू व दलित बनाने के लिए उसी दलदल में लाने के लिए 
तरह-तरह के कर्मकांड करेंगे ।
'
हिंदुत्व खतरे में है' का आलाप कर
धर्मांतरण करने वाले का मर्दन करेंगे ।
सिवाय एक चीज के
दलितों का उपनयन संस्कार कर
तथाकथित अस्पृश्य से तथाकथित द्विज
बना सकने के ।
क्योंकि इससे उनकी वर्णव्यवस्था, उनका हिन्दुत्व 
खतरे में पड़ जाएगा ।

(मूल रूप से दिल्ली से प्रकाशित पाक्षिक समाचार पत्र "वीक ब्लास्ट" के 01-15 मई 2018 के अंक में प्रकाशित)


Wednesday 11 April 2018

इस ‘रामराज्य’ में बलात्कारियों की मौज है ।


'द वायर' की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री तथा जौनपुर से सांसद रहे चिन्म्यानन्द सरस्वती के ऊपर 7 वर्ष से चल रहे बलात्कार (धारा 376) का केस वापस लेने का निर्णय लिए हैं । आखिर ये न्याय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ क्यों ? यदि आरोपी बेगुनाह है तो आप न्यायपालिका पर दबाव डालकर जल्द-से-जल्द फैसला करवाइए । केस वापस लेकर तो आप यही साबित कर रहे हैं कि चिन्म्यानन्द दोषी हैं और उनके राजनीतिक कैरियर को बचाने के लिए आप अपनी शक्ति का गलत प्रयोग कर रहे हैं ।
            आप अपने राज्य में रामराज्य लाने की बात करते हैं । ये कैसा राम राज्य है कि आपके ही राज्य की एक स्त्री जो अब आपकी प्रजा भी है, ने चिन्म्यानन्द सरस्वती के खिलाफ 30 नवंबर 2011 को बलात्कार और धमकाने का केस दर्ज़ कराया था । आज 7 वर्ष बाद भी वह न्याय की प्रतीक्षा में है, लेकिन चिन्म्यानन्द सरस्वती से आपके मधुर संबंध होने के कारण आप एक जघन्य अपराध के आरोपी के अपराध को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं । ये तो आप अपनी एक पीड़ित प्रजा को न्याय नहीं बल्कि सज़ा दिलाने का काम कर रहे हैं । इस तरह तो आगे चलकर वर्तमान में आपकी पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, जिसपर एक लड़की ने बलात्कार का आरोप लगा है और उसका भाई अतुल सिंह सेंगर जिसपर उस युवती के पिता की हत्या का आरोप है कुछ दिन बाद आप उसका भी केस वापस कर लेंगे ।
            क्यों बदनाम कर रहे हैं रामराज्य के नाम को योगी आदित्यनाथ जी ? आपके ऊपर जो केस चल रहे थे उसे वापस लेकर अपनी जगहँसाई तो पहले ही करवा चुके हैं । अब तो इन हरकतों से बाज आइये ।

Saturday 7 April 2018

धर्म क्या है ?


धर्म हमारे शरीर पर ढका अदृश्य लबादा है जो हमें जीवन जीने की कला सिखाता है । भौगोलिक स्थितियों के अनुसार इसके नियम-कानून, रीति-रिवाज में भिन्नता होती है । समाज में अशांति फैलाने के लिए जिम्मेदार हमारा धर्म नहीं बल्कि किसी भी धर्म (हिन्दु, मुसलमान सहित समस्त धर्म) के वे कट्टर, मूर्ख या स्वार्थी लोग हैं जो मैं/हम बड़ा/श्रेष्ठ, मैं/हम या हमारे धर्म/रीति-रिवाज अच्छा ... जैसे फर्जी विमर्श फैलाकर धर्म के नाम पर रायता फैलाने का काम करते हैं । कहने को तो ये लोग अपने-अपने धर्म के प्रचारक/संरक्षक हैं लेकिन इस प्रयोजन हेतु हिंसा को स्थान देकर उस धर्म को सबसे अधिक बदनाम यही लोग करते हैं ।