Saturday 14 November 2020

लक्ष्मी : अंधविश्वास मुक्त समाज में अंधविश्वास परोसती फिल्म

काफी दिनों से अक्षय कुमार की movie "लक्ष्मी" का इंतज़ार था। लव जिहाद वाला angle सामने आने के बाद ऐसा लगा कि कहीं इसके रिलीज की ऐसी की तैसी न हो जाए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कल डिज्नी हॉटस्टार पर रिलीज होने के बाद आज इत्मिनान से इसे देख ही लिए। फिल्म के प्रथम half में मुझे समझ नहीं आया कि ये Horror movie में सास बहू की जबरदस्ती और बेकार वाली comedy देने का क्या तुक है??? यदि ये comedy नहीं होती तो यह औसत दर्जे की फ़िल्म हो सकती थी। 

उससे भी ज्यादा अजीब यह लगा कि अंधविश्वास का पोल खोलने वाला एक extra ordinary mind के व्यक्ति को इतना बकलोल दिखाया गया जिसे पता ही नहीं चल रहा कि सड़े मांस की बदबू विकेट से यदि आ रही है तो इसके पीछे क्या कारण हो सकता है??? गाना भी जबरदस्ती ठूसा गया है। एक दो सीन जैसे ढोंगी बाबा की पोल खोलने वाला सीन, लक्ष्मी किन्नर का stage पर दमदार speech के अलावा कोई ऐसे सीन नहीं हैं इस फ़िल्म में कि इसे दुबारा देखा जा सके। कुल मिलाकर ये दुबारा देखने लायक फ़िल्म नहीं है। मैं तो झेल गया शायद आप नहीं झेल पाएंगे।


अंधभक्ति का चश्मा हटाती, बंद आँख खोलती ‘आश्रम वेब सिरीज़’

28 अगस्त 2020 को एम एक्स प्लेयर पर रिलीज प्रकाश झा की वेब सीरीज आश्रम लोगों के बीच इतनी लोकप्रिय हुई कि प्रकाश झा को जल्दी ही इसका सीजन 2 लाना पड़ गया। पहले सीजन में 'जातिगत भेदभाव' जहां सबसे रोमांचक कड़ी था, वहीं सीजन 2 में बाबा का ठरकीपन, ड्रग्स का कारोबार एवं सरकार बनाने में भूमिका। इसमें कहीं भी बाबा के धर्म को दिखाया नहीं गया है। वह कौन से धर्म, संप्रदाय को मानते हैं कुछ भी नहीं बताया गया है। किसी देवी देवता का अपमान भी नहीं किया गया है। यह किसी भी धर्म संप्रदाय से जुड़ा हो सकता है चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी, कबीर पंथ ही क्यों ना हो। क्योंकि भौतिक सुख की चाह रखने वाले आज हर धर्म संप्रदाय में मौजूद हैं। और ये लालसा कभी भी किसी भी मनुष्य में जागृत हो सकती है। लेकिन यह अपराध तब बन जाता है जब आप पूरी दुनिया को इस व्यसन से दूर रहने का संदेश देने के बावजूद आप खुद उसमें लिप्त होते हैं। आश्रम वेब सिरीज़ के दूसरे पार्ट में लोगों को लड्डू के माध्यम से ड्रग्स का आदि बनाकर नशा मुक्ति केंद्र चलाना ऐसे ही हास्यास्पद और गुस्सा दिलाने वाले कृत्य हैं। और ऐसा भी नहीं है कि ये कपोल कल्पित हैं। बल्कि समय-समय पर समाचार पत्रों, मीडिया रिपोर्टों में ऐसे अययास नशे का कारोबार करने वाले ठरकी लोगों को बेनकाब होते देखा/पढ़ा जा सकता है। 

           इस सच्चाई से रूबरू होने के बावजूद हमारे देश के कई संगठन आश्रम वेब सीरीज के दूसरे सीजन का विरोध कर रहे हैं। हालांकि उनके इस विरोध का कोई लाभ नहीं हुआ। न ही प्रकाश झा को कोई नुकसान। और 11 नवंबर 2020 को दूसरा सीजन रिलीज कर दिया गया। फिर भी इस विरोध करने का तात्पर्य स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि ऐसे संगठन बाबाओं के इस कृत्य को अपने धर्म के किसी बाबा से जुड़ा हुआ मान रहा है। उन्हें यह लगता है प्रकाश झा आश्रम शब्द को बदनाम कर रहे हैं। लेकिन आश्रम शब्द को वास्तव में जो लोग बदनाम कर रहे हैं उनके खिलाफ इनका एक लफ़्ज़ भी नहीं निकलता, बल्कि या तो यह उनकी गोद में बैठे होते हैं, या उस आश्रम को अपनी गोद में बिठाए रखते हैं। ऐसे आश्रमों पर जब भी कोई आक्षेप लगता है तो उनके लिए लठैत तक बन जाते हैं।

           ऐसे संगठनों के अनुयाई सोशल मीडिया पर इनका बहिष्कार करने का संदेश दे रहे होते हैं। बहिष्कार का कारण पूछा तो गोलमोल जवाब देते नजर आएंगे। हिंदुत्व की रक्षा की दुहाई देंगे। उन्हें यह लगता है कि ऐसे वेब सीरीज से समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, आश्रम की छवि धूमिल होगी।  जबकि वास्तविकता यह है कि आज के तार्किक युग में इसकी कम संभावना नित्य कम होती जा रही है। बल्कि ऐसे वेब सीरीज का लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। ऐसी वेब सीरीज ना केवल दर्शकों का मनोरंजन कर रहे होते हैं, बल्कि उनमें कई अच्छी चीजें भी विकसित हो रही होती है। विशेष रूप से कीसि भी विश्वास को तार्किकता के आधार पर निरीक्षण करने का कौशल। उदाहरण के लिए यदि आप इस वेब सीरीज के दोनों भाग देखें, तो आपको भी एहसास होगा कि किसी भी व्यक्ति या धार्मिक परिवार के अनुयाई बनने से पहले उसके अलग-अलग आयामों पर गंभीरता से विचार करें। परिवार में जुड़ने से पहले उसके उन पहलुओं पर जरूर गौर करें जिसके बारे में इस वेब सीरीज के दोनों भागों में दिखाया गया है। परिवार के लोग आपको अपने संगठन से जोड़ने के लिए किस प्रकार अपने दिखावटी परोपकारी कार्यों से आप का मन मोह कर आपका खुदा बन जाते हैं और विषम परिस्थिति में आपकी मजबूरी का फायदा उठाते हैं इस बात को बहुत अच्छी तरह से इस वेब सीरीज के माध्यम से दिखाया गया है। समय निकालकर हम सभी को जरूर देखना चाहिए।

सौजन्य - MX Player